सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने देश में लागू लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने राष्ट्रीय सरकार की गठन की मांग करते हुए लिखा कि, मुझे लोगों की सेवा करने की आपकी ईमानदार इच्छा के बारे में कोई संदेह नहीं है, देश की बड़ी समस्याओं का सामना करना किसी एक व्यक्ति या एकल राजनीतिक दल के लिए संभव नहीं है। काटजू ने लॉकडाउन खत्म करने की मांग की है और मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों को बंद करने के लिए कहा है।
काटजू ने मोदी को लिखा कि आपकी नैतिकता और ईमानदारी पर मुझे कोई शक नहीं है, कोई भी आप पर निजी घोटाले का आरोप नहीं लगा सकता, जैसा कि यूपीए की सरकार में बड़े पैमाने पर हुआ, लेकिन मेरी आपसे तीन अपील हैं, जो कि मैं इस देश के लोगों की तरफ से आपसे करना चाहता हूं। लॉकडाउन को तुरंत खत्म करने की मांग करते हुए काटजू ने लिखा कि, मैंने कई लेखों में कहा है कि लॉकडाउन लागू करना एक गंभीर गलती थी।
उन्होंने लिखा कि, लॉकडाउन का मतलब है कि पूरे देश और अर्थव्यवस्था का अधिकांश भाग का ठहर जाना है। इस तरह का एक गंभीर निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाना चाहिए, बल्कि वैज्ञानिकों, अर्थशास्त्रियों, प्रशासकों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए था। लॉकडाउन का फैसला 24 मार्च को शाम 8.30 पर लिया, जिससे लोगों को मात्र साढ़े तीन घंटे ही मिले। जिससे अव्यवस्था फैल गई। उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि पूरे देश में लोगों में घबराहट फैल गई, हजारों परिवार की आजिविका छिन गई और भूखमरी की कगार पर पहुंचे लोग पैदल अपने घरों की ओर भागने लगे। जिससे कई मौत के शिकार हो गए।
मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार बंद करने की मांग करते हुए जस्टिस काटजू ने लिखा कि, देश में मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे कथित अत्याचार को बंद किया जाना चाहिए। इससे देश में अलगाव हो सकता है।