आत्मनिर्भर भारत का काउंटडाउन आरम्भ हो गया है। लोंगों को स्वावलंबी बनाने के लिए जिला प्रशासन ने अनूठी पहल शुरू की है।
बस्ती जिले के जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन लोकल को वोकल बनाने की दिशा में स्थानीय रोजगार के प्रयास में जुट गए हैं। इसके लिए जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में छात्रों के यूनिफार्म की आपूर्ति के लिए स्वंय सहायता समूह को जिम्मा सौंप दिया है। समूह में लोगों को प्रशिक्षित करने का काम हो या फिर उनकी काउंसलिंग की बात हो सबकी तैयारी हो चुकी है।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने मौजूदा सत्र में जिले के परिषदीय विद्यालयों में आपूर्ति होने वाले ड्रेस को तैयार कराने का काम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपा है। इस पूरे काम की जिम्मेदारी निभा रही मुख्य विकास अधिकारी सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि जिले में तीन लाख 60 हजार बच्चों को ड्रेस उपलब्ध कराए जाने है। उन्होंने बताया इस बार हम लोगों ने स्थानीय स्तर पर रोजगार लोगों को आर्थिक फायदा हो इसके लिए जिले में चल रहे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इसकी जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिले के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विद्यालय आवंटित किए जा रहे हैं, ताकि अपने क्षेत्र में ही समूह की महिलाएं स्कूली छात्रों की बेहतर नाप लेकर उनके ड्रेस तैयार कर सकें। गुणवत्ता के सवाल पर मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि एक टीम का गठन कर दिया गया है जो लगातार गुणवत्ता पर नजर बनाए रखेगी। साथ ही उन्होंने बताया कि कपड़े की खरीदारी के लिए हम मिलो से संपर्क कर रहे हैं ताकि हमें सस्ता व गुणवत्ता युक्त कपड़ा उपलब्ध हो सके। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से स्कूल ड्रेस की आपूर्ति लेने से न केवल बच्चों को फिटेड ड्रेस उपलब्ध होंगे बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के साथ-साथ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ पहुंचेगा। वही वही ड्रेस माफियाओं से भी छुटकारा मिल जाएगा और जिले के लोंगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।